कक्षा - 4
विषय: हिंदी
पुस्तक का नाम: मिठास
पाठ संख्या: 4
पाठ का नाम - पेड़ के साथी
पात्र - पेड़, तीन बच्चे - सोनी, अयान, अवनि
दृश्य ।
(एक मैदान का दृश्य। मैदान में केवल एक बड़ा-सा पेड़। बच्चे मैदान में पकड़म-पकड़ाई खेलते हुए। तभी बच्चों को किसी के रोने की आवाज सुनाई देती है।)
सोनी - (घबराकर) कौन रो रहा है? अयान, अवनि, तुम दोनों को किसी के रोने की आवाज आ रही है?
अयान- हाँ, किसी के रोने की आवाज आ तो रही है।
अवनि- पर, यहाँ तो हम तीनों ही हैं।
(तीनों इधर-उधर देखते हैं। सोनी एक पेड़ की ओर इशारा करते हुए)
सोनी- ऐसा लग रहा है कि रोने की आवाज उस पेड़ के पास से आ रही है।
अयान- हाँ, ऐसा लग रहा है, जैसे वह पेड़ ही रो रहा है।
तीनों बच्चे- चलो, उस पेड़ के पास चलकर देखते हैं।
(तीनों बच्चे पेड़ के पास पहुँचते हैं पेड़ को रोता देखकर उससे पूछते हैं।)
सोनी - तुम रो क्यों रहे हो?
पेड़- तुम लोगों को खेलते देखकर मुझे भी अपने साथी पेड़ों की याद आ गई।
अयान - कहाँ हैं तुम्हारे साथी पेड़ ?
पेड़ - उन्हें लोगों ने काट डाला।
तीनों बच्चे - तो तुम हमें अपना साथी बना लो।
पेड़ - पर, तुम तो कुछ देर के लिए ही आते हो।
(तीनों बच्चे आपस में कुछ बात करके अपने-अपने घर चले जाते हैं।)
दृश्य 2
(अगले दिन मैदान में तीनों बच्चे पेड़ के आसपास)
सोनी - मैं पौधे उगाने के लिए बीज लाई हूँ।
अयान - मैंने छोटे-छोटे गड्ढे बना दिए हैं।
सोनी - मैं इन गड्ढों में बीज बो देती हूँ।
अवनि - मैं इनपर पानी छिड़क दूँगी।
तीनों बच्चे - हम रोज इनमें पानी
डालेंगे, तो कुछ ही दिनों में इनसे पौधे निकल आएँगे।
दृश्य 3
कुछ दिनों बाद मैदान में)
तीनों बच्चे - देखो, कितने सारे नन्हें पौधे निकल आए हैं। ये नन्हे पौधे कितने प्यारे लग रहे हैं। वाह। पेड़ को भी उसके साथी मिल गए। बहुत अच्छा हुआ, वह अब अकेला नहीं है।
पेड़ - (खुश होते हुए) तुम सब कितने अच्छे हो। नए साथी पाकर मैं बहुत खुश हूँ। अब मैं इन सबसे खूब बातें करूंगा।
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