कक्षा - 4
विषय: हिंदी
पुस्तक का नाम: मिठास
पाठ संख्या: 1
पाठ का नाम - सुबह
पाठ - 1 सुबह
फूट रही पूरब से लाली
नई किरण है आनेवाली,
नहीं रहेगा अब अँधियारा
जगमग होगा यह जग सारा।
आँगन में आ चिड़िया चहकी
हवा सुबह की लगती महकी,
पंछी उड़ते नीलगगन में
नव उमंग है जन-जीवन में।
करें योग हम सुबह-सवेरे
रोग नहीं तब हमको घेरे,
समय सुबह का बड़ा सुहाना
इसको यूँ ही नहीं गँवाना।
आलस छोड़ें अब उठ जाएँ
घूम थोड़ा बाहर को आएँ,
सुबह-सुबह का दृश्य मनोहर
भर लें इसको अपने अंदर।
सुरेश चन्द्र 'सर्वहारा'
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