CBSE कक्षा 6 हिंदी पाठ योजना के अंतर्गत पाठ 9 "मैया मैं नहिं माखन खायो" सूरदास द्वारा रचित एक भावनात्मक और रोचक पद है, जिसमें बालकृष्ण की मासूम शरारतें और माँ यशोदा के साथ उनका प्रेमपूर्ण संवाद वर्णित है। यह पाठ छात्रों को न केवल काव्य सौंदर्य का अनुभव कराता है, बल्कि भक्तिकालीन कविता की गहराई को भी समझने में सहायक है।
📘 पाठ का सार (Summary)
इस पद में भगवान कृष्ण अपनी माता यशोदा को माखन न खाने की सफाई देते हैं। वे अपने ग्वालबालों द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों से स्वयं को मासूम और निर्दोष सिद्ध करते हैं। कृष्ण अपने बालपन और अल्हड़ता के साथ माँ को समझाने का प्रयास करते हैं कि वे दिनभर गायों के पीछे मधुबन में थे और माखन खाने का समय ही नहीं मिला। माँ यशोदा अंत में उनके भोलेपन पर मुस्कराकर उन्हें गले लगा लेती हैं। यह पद मातृ-पुत्र के स्नेह, विश्वास और कृष्ण की लीलाओं का मधुर चित्र प्रस्तुत करता है।
🎯 शिक्षण उद्देश्य (Teaching Objectives)
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विद्यार्थियों में सूरदास के काव्य को समझने की क्षमता विकसित करना।
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बालकृष्ण और यशोदा के चरित्रों की विशेषताओं को पहचानना।
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ब्रजभाषा के कठिन शब्दों को सरल हिंदी में समझना।
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काव्य में प्रयुक्त अलंकारों और भावों की पहचान कर पाना।
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मातृ-स्नेह और बाल शरारतों से जुड़ी सांस्कृतिक मूल्यों को आत्मसात करना।
📌 अधिगम परिणाम (Learning Outcomes)
पाठ पूरा होने के बाद विद्यार्थी:
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पद का भावार्थ एवं व्याख्या कर सकेंगे।
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कृष्ण और यशोदा के चरित्र की विशेषताओं को समझ सकेंगे।
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काव्य सौंदर्य, रस एवं अलंकारों की पहचान कर सकेंगे।
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ब्रजभाषा के शब्दों को सरल हिंदी में रूपांतरित कर सकेंगे।
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मातृ-पुत्र के संबंधों की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को समझ सकेंगे।
📚 सहायक सामग्री (Teaching Aids)
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चित्र व पोस्टर: कृष्ण, यशोदा, मटकी, माखन आदि
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फ्लैश कार्ड: ब्रजभाषा शब्दों व अर्थों के लिए
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वीडियो क्लिप्स: कृष्ण लीला आधारित गीत या एनिमेशन
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रोल प्ले व प्रॉप्स: लकुटी, बांसुरी, मटकी आदि
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PowerPoint प्रेजेंटेशन: पद की पंक्तियाँ, चित्रों सहित भावार्थ
❓ पूर्व ज्ञान प्रश्न (Pre-knowledge Questions)
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क्या आपने भगवान कृष्ण की कोई बाल लीला सुनी है?
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कृष्ण की माँ का नाम क्या था?
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माखन से जुड़ी कोई कहानी याद है?
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सूरदास कौन थे, क्या आप जानते हैं?
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क्या आप ब्रजभाषा के कुछ शब्द जानते हैं?
🧩 शिक्षण अधिगम नियोजित गतिविधियाँ (Planned Teaching-Learning Activities)
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भावार्थ व्याख्या के साथ पंक्ति-दर-पंक्ति पाठ विश्लेषण।
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ब्रजभाषा शब्दार्थ अभ्यास (Matching activity)
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चित्रों के माध्यम से संवाद – चित्र देखकर कृष्ण और यशोदा के बीच बातचीत तैयार करना।
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भूमिका-निर्माण (Role Play): कृष्ण और यशोदा का संवाद मंचन।
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काव्यपाठ प्रतियोगिता – सस्वर पाठ का अभ्यास।
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गायन-वादन – सूरदास पद पर आधारित भजन प्रस्तुत करना।
🛠️ दक्षताएँ / कौशल (Skills Developed)
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भावाभिव्यक्ति एवं भाषिक कौशल
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विश्लेषणात्मक एवं आलोचनात्मक सोच
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सांस्कृतिक एवं नैतिक समझ
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अभिनय, गायन, रचनात्मकता
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संवाद शैली में सुधार
📊 मूल्यांकन / आकलन (Assessment Methods)
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मौखिक प्रश्नोत्तर (Oral Q&A)
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शब्दार्थ लेखन एवं अलंकार पहचान
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रचनात्मक लेखन – "अगर मैं कृष्ण होता/होती..."
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चित्र वर्णन
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MCQ या वर्कशीट आधारित मूल्यांकन
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भूमिका-निर्माण पर अंकन
🎨 कला एकीकरण (Art Integrated Learning – AIL)
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चित्रकला: माखन चोरी, यशोदा-कृष्ण का चित्र बनाना
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नाटक: बालकृष्ण और यशोदा का संवाद
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भजन गायन: सूरदास के पद को संगीत में ढालना
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हस्तकला: कागज या मिट्टी से मटकी, लकुटी बनाना
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ड्रामा + डांस एकीकरण: कृष्ण लीला पर नृत्य नाटिका
🔁 पुनरावृत्ति प्रश्न (Revision Questions)
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कृष्ण ने माखन न खाने की सफाई में क्या-क्या कहा?
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"मैं बालक बहियन को छोटो" – इसका क्या भाव है?
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ग्वालबालों ने कृष्ण पर क्या आरोप लगाया?
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माँ यशोदा का अंत में क्या व्यवहार था?
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पद में कौन-कौन से अलंकार प्रयुक्त हुए हैं?
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
"मैया मैं नहिं माखन खायो" केवल एक बाल-कथा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, वात्सल्य और भक्ति भावना का सजीव चित्रण है। यह पाठ छात्रों के भाषा, कला, संस्कार और सौंदर्यबोध सभी क्षेत्रों के विकास में सहायक है।
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