अनुभूति पाठ्य पुस्तक पाठ - 15. सारी धरती हमारा घर

कक्षा - 4 
विषय: हिंदी
पुस्तक का नाम: अनुभूति
पाठ संख्या: 10
पाठ का नाम - सारी धरती हमारा घर

 

15. सारी धरती हमारा घर

हमारी धरती पर विविध प्रकार के प्राणी हैं। आओ इस पाठ को पड़‌कर उनके बारे में जानें

मेरा नाम सुयशा है। मैंने बचपन में अपने माता-पिता, भाई-बहन, रिश्तेदार व मित्रों को देखा है। पहले मैं समझती थी कि धरती पर सिर्फ इनसान ही रहते हैं, हमारे जैसे। पर बाद में मैंने आकाश में पंख पसारकर उड़ते पक्षी देखे। अपने घर की खिड़की पर बैठी गौरैया देखी। दाना चुगते कबूतर देखे। तितलियों को फूलों पर बैठे देखा। कतार बनाकर घूमती चींटियों को देखा। पेड़ों पर उछलते-कूदते बंदर देखे। तब मैंने सोचा दुनिया में कितनी तरह के प्राणी हैं। एक दिन मुझसे रहा न गया और मैंने यही सवाल अध्यापिका जी से पूछ लिया।

उन्होंने तीन तरह के प्राणियों के बारे में बताया।

उन्होंने बताया-ज्यादातर प्राणी जमीन पर रहते हैं, इन्हें हम थलचर कहते हैं। 'थल' का अर्थ है- धरती और 'चर' का अर्थ है रहने वाले। जमीन पर रहने वाले कुछ प्राणी बड़े होते हैं, जैसे हाथी, ऊँट आदि। कुछ छोटे होते हैं जैसे चूहा, बिल्ली आदि। कुछ प्राणी धरती पर रेंगते भी हैं, जैसे साँप, केंचुआ आदि।

आसमान में उड़ने वाले प्राणियों को नभचर कहते हैं। नभचर का अर्थ है आकाश में उड़ने वाले। सभी प्रकार के पक्षी नभचर हैं, जैसे-चिड़ियाँ, कौआ आदि।

कुछ प्राणी पानी में भी रहते हैं, इन्हें जलचर कहते हैं। जलचर का अर्थ है- जल में रहने वाले, जैसे-मछली, मगरमच्छ आदि।

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Milan Tomic

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