Hindi unseen passage अपठित गद्यांश - 8
'अपठित' शब्द का अभिप्राय है - जो पहले पढ़ा ना गया हो। अपठित गद्यांश पाठ्य पुस्तकों से नहीं दिए जाते हैं। ये ऐसे गद्यांश होते हैं जिन्हें छात्रों ने कभी नहीं पढ़ा होता।
अपठित गद्यांश के उत्तर देने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
* गद्यांश को कम से कम तीन-चार बार अवश्य पढ़ ले।
* प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में लिखें।
* उत्तर गद्यांश से ही होना चाहिए उसमें अपने विचार समाहित नहीं करनी चाहिए।
* उत्तर देने के बाद उन्हें अवश्य एक बार पढ़ लें।
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
एक दिन रूपा छत पर बैठी थी। वह आसमान की ओर देखकर कुछ सोच रही थी। रूपा को आसमान में उड़ता हुआ एक बादल दिखा, बादल उदास लग रहा था। रूपा ने पूछा - "तुम उदास क्यों हो?"
बादल बोला - "आज मैं अकेला हूँ, कोई साथ खेलने के लिए नहीं है।" रूपा बोली - "अरे! मैं भी अकेली हूँ। चलो आओ, आज हम दोनों मिलकर खेलें।" रूपा और बादल मिलकर खेलने लगे। बादल इतना खुश था कि वह जोर-जोर से हँसने लगा। हा-हा-हा।
बादल के हँसने से पानी छलकने लगा। बरसात होने लगी। मैदान में पानी भर गया। रूपा ने कागज की नाव बनाई। पानी में नाव तैरने लगी। रूपा और बादल बहुत खुश थे।
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