अनुच्छेद-लेखन
अनुच्छेद-लेखन अथार्त जिसे हम अंग्रेजी में पैराग्राफ राइटिंग कहते हैं ।
किसी भी विषय को संक्षेप में या थोड़े में कोई बात लिखना अनुच्छेद-लेखन कहलाता है । अनुच्छेद में विषय के अधिक विस्तार करने का स्थान नहीं होता । इसमें संक्षेप में किंतु अपने आप में पूर्ण किसी विषय का प्रतिपादन किया जाता है। अनुच्छेद में 80 से 100 शब्दों में विषय अनुसार विचार व्यक्त किए जाते हैं।
* अनुच्छेद के विचार स्पष्ट होने चाहिए।
* वाक्य छोटे-छोटे और एक दूसरे से संबंधित होने चाहिए।
* एक विचार से दूसरा विचार निकलना चाहिए ।
* शब्द सीमा का ध्यान रखना चाहिए।
* अनुच्छेद अधिक से अधिक 100 शब्दों का होना चाहिए।
* अनुच्छेद सीधे विषय से शुरू होना चाहिए और विषय पर ही समाप्त होना चाहिए।
* अनुच्छेद में भूमिका तथा उप संहार की आवश्यकता नहीं होती।
* यदि हम अनुच्छेद के आरंभ में अनुच्छेद से संबंधित सूक्ति, उदाहरण या कविता की पंक्ति लिख दे तो अनुच्छेद प्रभावशाली बन जाता है।
यहाँ उदाहरण के लिए आपको अनुच्छेद दिया जा रहा है ।
पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब ।।"
संत कवि कबीर दास जी ने अपने इस दोहे में समय के महत्तव को बड़े अच्छे से समझाया है । समय किसी के लिए नहीं रुकता वह तो बस चलता ही जाता है। जो व्यक्ति समय के महत्तव को नहीं जानता, उसके मोल को नहीं पहचानता, वह जीवन में सफलता प्राप्त हीं कर सकता । समय का एक-एक क्षण बहुत कीमती होता है । बीता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता इसलिए समय के महत्तव को समझकर हमें अपने सभी कार्य नियमित रूप से करने चाहिए जैसे - समय पर उठना, समय पर दैनिक कार्य करना, समय पर सोना । जो व्यक्ति आलस में आकर समय गवा देते हैं उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है । वह कभी सफल नहीं हो पाते । समय बीत जाने के बाद मनुष्य के पास पश्चाताप के अतिरिक्त कुछ नहीं होता।
For an animated video on youtube -
https://www.youtube.com/watch?v=m7lUzDPdnlM
Anuched-lekhan |
अनुच्छेद लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें -
* अनुच्छेद की भाषा सरल होनी चाहिए ।* अनुच्छेद के विचार स्पष्ट होने चाहिए।
* वाक्य छोटे-छोटे और एक दूसरे से संबंधित होने चाहिए।
* एक विचार से दूसरा विचार निकलना चाहिए ।
* शब्द सीमा का ध्यान रखना चाहिए।
* अनुच्छेद अधिक से अधिक 100 शब्दों का होना चाहिए।
* अनुच्छेद सीधे विषय से शुरू होना चाहिए और विषय पर ही समाप्त होना चाहिए।
* अनुच्छेद में भूमिका तथा उप संहार की आवश्यकता नहीं होती।
* यदि हम अनुच्छेद के आरंभ में अनुच्छेद से संबंधित सूक्ति, उदाहरण या कविता की पंक्ति लिख दे तो अनुच्छेद प्रभावशाली बन जाता है।
यहाँ उदाहरण के लिए आपको अनुच्छेद दिया जा रहा है ।
समय का महत्तव
"काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब ।।"
संत कवि कबीर दास जी ने अपने इस दोहे में समय के महत्तव को बड़े अच्छे से समझाया है । समय किसी के लिए नहीं रुकता वह तो बस चलता ही जाता है। जो व्यक्ति समय के महत्तव को नहीं जानता, उसके मोल को नहीं पहचानता, वह जीवन में सफलता प्राप्त हीं कर सकता । समय का एक-एक क्षण बहुत कीमती होता है । बीता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता इसलिए समय के महत्तव को समझकर हमें अपने सभी कार्य नियमित रूप से करने चाहिए जैसे - समय पर उठना, समय पर दैनिक कार्य करना, समय पर सोना । जो व्यक्ति आलस में आकर समय गवा देते हैं उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है । वह कभी सफल नहीं हो पाते । समय बीत जाने के बाद मनुष्य के पास पश्चाताप के अतिरिक्त कुछ नहीं होता।
For an animated video on youtube -
https://www.youtube.com/watch?v=m7lUzDPdnlM
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