दिवाली परअनुच्छेद
दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। दीपावली का अर्थ है दीपों की अवली अर्थात पंक्ति। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को दशहरे के 20 दिन बाद मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या वापस लौटे थे। तब अयोध्यावासियों ने उनके आने की खुशी में घी के दीपक जलाए। तभी से हर वर्ष यह त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार की एक विशेष बात है कि यह त्योहार अकेला नहीं आता बल्कि अपने साथ पांच त्योहारों की लड़ी सी लाता है। दिवाली से 2 दिन पूर्व धनतेरस वाले दिन नए बर्तन खरीदते हैं। इसके बाद आती है नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीवाली। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। अंतिम पर्व भाई दूज का होता है। दिवाली वाले दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई कर घरों को दीपमाला व रंगोली से सजाते हैं नए वस्त्र पहनते हैं। शाम को धन की देवी माता लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा की जाती है। लो अपनी मित्रों संबंधियों के घर जाकर दिवाली की बधाई देते हैं वह मिठाई बांटते हैं। बच्चे भी इस जहाज को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं और पटाखे जलाकर दिवाली का आनंद लेते हैं। दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
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