Hindi unseen passage अपठित गद्यांश # 6
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें।
मैं पुस्तक हूॅं। मैं तुम्हारी अपनी पुस्तक हूॅं। अगर तुम मुझसे प्यार करोगे तो बड़े बन जाओगे। मैं ज्ञान का भंडार हूॅं। आदमी को मैंने बनाया है। आदमी पढ़ सकता है, पशु नहीं पढ़ सकते। मुझे ध्यान से पढ़ने वाला ज्ञानी बन जाता है। मुझे प्रेम से पढ़ने वाला महान बन जाता है। इसलिए मैं कहती हूं कि मुझे ध्यान से पढ़ा करो। मैं यह नहीं कहती कि तुम खेला ना करो। खेलना भी आवश्यक है और पढ़ना उससे भी अधिक आवश्यक है।
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