अनुभूति पाठ्य पुस्तक पाठ - 10 मैं काँच हूँ

 

कक्षा - 4 
विषय: हिंदी
पुस्तक का नाम: अनुभूति
पाठ संख्या: 10
पाठ का नाम - मैं काँच हूँ


क्या आप जानते हैं कि काँच की वस्तुएँ कैसे बनाई जाती है? हिना और अंकित अपने चाचा जी के साथ एक काँच की फैक्ट्री में गए। आओ पढ़कर जानें कि उन्होंने वहाँ क्या देखा।


एक दिन हिना और अंकित अपने चाचा जी के साथ उनकी फैक्ट्री में गए। फैक्ट्री में काँच से बहुत सुंदर कलात्मक वस्तुएँ बनाई जाती थीं। वहाँ उन्होंने काँच की बनी बहुत अच्छी-अच्छी वस्तुएँ देखीं। कुछ देर बाद चाचा जी उन्हें फैक्ट्री में छोड़कर किसी जरूरी काम से बाहर चले गए।  

पाठ - 10 मैं काँच हूँ

अंकित ने हिना से पूछा, "दीदी क्या तुम्हें पता है कि लोगों ने कौंच का प्रयोग करना कब से शुरू किया?" "नहीं, मुझे नहीं पता पर यह बात तो मैं भी जानना चाहती हूँ।" हिना ने कहा।

"मेरे पास आओ, मैं बताता हूँ।" आवाज सुनकर दोनों बच्चे हैरानी से इधर-उधर देखने लगे। आवाज़ काँच के एक गुलदस्ते से आ रही थी। बच्चे डरते-डरते उसके पास पहुँचे।

पाठ - 10 मैं काँच हूँ

"अरे! डरो मत, मैं तुम्हें काँच के बारे में सब कुछ बताता हूँ। काँच का उपयोग आज से लगभग पाँच हजार वर्ष पहले शुरू हुआ था। मिस्रवासियों ने प्राचीन तरीके का प्रयोग करके अनेक घरेलू वस्तुएँ व सजावट के सामान तैयार किए थे। उन्होंने जो काँच बनाया वह ऊबड़-खाबड़ था और उतना साफ़ भी नहीं था। फिर तीन हजार वर्षों के बाद रोमन लोगों ने काँच को पिघलाने के लिए पत्थर के बड़े-बड़े चूल्हों का प्रयोग किया।", उसने बताया।

"पर काँच तो बहुत नाजुक होता है। यह तो बड़ी आसानी से टूट जाता है फिर इससे विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ कैसे बन पाती हैं?" अकित ने जिज्ञासा से पूछा।


"अंकित! पिघला हुआ काँच बहुत मुलायम होता है तब उसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। लोहे की नली के किनारे पर पिघला हुआ काँच लगाकर दूसरी ओर से फूँक मारते हैं। तब वह बूँद एक बुलबुले की तरह हो जाती है। अब उससे किसी भी आकार की यत्तु बना सकते हैं। आजकल यह काम मशीनों की सहायता से किया जाता है।" काँच ने अंकित की बात का ज़वाब देते हुए कहा।  

हिना के मन में भी कुछ प्रश्न उमड़ घुमड़ रहे थे। उसने अगला सवाल किया, "पर हमने काँच के बहुत सुंदर फूल, तितलियाँ, बतख आदि देखी हैं। इन्हें देखकर तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने जादू से इन्हें बनाया है।"

"देखो हिना, कुछ कलात्मक नमूनों को बनाने के लिए विशेष तरीकों, यंत्रों और सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए कभी-कभी शीशे की जगह क्वार्ट्ज पत्थर का भी उपयोग होता है जोकि काफी मजबूत होता है। जब इसे गरम किया जाता है तो यह काँच की तुलना में ज्यादा लचीला व मजबूत हो जाता है. जिससे विभिन्न आकार की वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं।", उसने हिना को समझाया। "धन्यवाद। आपने हमें बहुत सारी उपयोगी जानकारी दी। अब हमें बाहर जाना होगा। चाचा जी बुला रहे हैं।", अकित ने चाचा जी की आवाज सुनकर कहा, जो बाहर खड़े उन्हें बुला रहे थे। हिना ने भी उसे धन्यवाद दिया और दोनों बाहर चले गए।

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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