अनुभूति कक्षा 4 पाठ - 9 जो बोले वह खाए दो के प्रश्न-उत्तर
लिखित
(क) काम पर जाने से पहले ज्ञानदीप ने दोनों ब्राह्मणों को क्या दिया?
उत्तर - काम पर जाने से पहले ज्ञानदीप ने एक थाली में पाँच लड्डू रखकर दोनों ब्राह्मणों को दे दिए।
(ख) दोनों मित्रों ने आपस में क्या निश्चय किया?
उत्तर - दोनों मित्रों ने आपस में निश्चय किया था कि जो पहले बोलेगा उसे दो लड्डू प्राप्त होंगे और जो बाद में बोलेगा उसे तीन लड्डू। इसी तरह से लड्डू का बँटवारा होगा।
(ग) ज्ञानदीप क्या देखकर हैरान हो गया?
उत्तर - दोनों ब्रह्मणों में से कोई कुछ बोल नहीं रहा था और न ही कोई हिल-डुल रहा था। यह देखकर ज्ञानदीप हैरान हो गया।
(घ) किसे, कितने लड्डू मिले?
उत्तर - श्यामदेव को तीन लड्डू और रूपदेव को दो लड्डू मिले।
(ङ) यदि आप रूपदेव या श्यामदेव के स्थान पर होते तो क्या करते?
उत्तर - यदि में रूपदेव या श्यामदेव की जगह होती तो लड्डू के लिए अपनी जान जोखिम में नहीं डालती बल्कि आपस में मिल बॉट कर लड्डू का आनंद उठाती
3. सोचकर बताओ-
यदि अंत तक दोनों में से कोई न बोलता तो क्या होता?
3. यदि अंतः तक कोई नहीं बोलता तो ज्ञानदीप व अन्य लोग मिलकर उनका अंतिम संस्कार कर देते व लड्डू के लालय में उन्हें अपने प्राण मैवाने पड़ते।
4. पाठांश पर आधारित प्रश्न-
दोनों को श्मशान पहुँचकर चिता पर लिटा दिया गया। श्यामदेव ने मन ही मन सांचा मृत्यु आ ही गई है तो मर भी जाऊँगा, पर दो लड्डू हरगिज नहीं खाऊँगा। खाऊँगा तो पूरे तीन ही लड्डू। ज्ञानदीप जैसे ही चिता में आग लगाने के लिए आगे बढ़ा, रूपदेव झटपट डर के मारे उठकर बैठ गया और बोला, "भाई श्यामदेव तीन तुम ही खा लेना। मैं दो खाकर ही खुश रह लूँगा।"
(क) चिता पर किन्हें लिटा दिया गया?
उत्तर - रूपदेव व श्यामदेव दोनों को चिता पर लिटा दिया गया।
(ख) श्यामदेव ने क्या सोचा?
उत्तर - श्यामदेव ने मन ही मन सोचा मृत्यु आ ही गई है तो मर भी जाऊँगा पर दो लड्डू हरगिज नहीं खाऊँगा।
(ग) रूपदेव क्यों डर गया? उसने क्या किया?
उत्तर - ज्ञानदीप को चिता में आग लगाते देख रूपदेव हार गया और उसने बोला "भाई श्यामदेव तीन तुम खा लेना। मैं दो खाकर ही खुश रह लूँगा।"
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