Poem on Rakshabandhan In Hindi ll Rakshabandhan Poem in hindi
रक्षाबंधन
भइया का मन है हर्षाया,
पावन रक्षाबंधन आया।
बहन फूली नहीं समाई,
फूलों के जैसी मुस्काई।
लिए थाल में बर्फी लड्डू,
ऐसे घूमे जैसे लट्टू।
अंबर ने भी प्यार लुटाया,
पावन रक्षाबंधन आया।
भैया को राखी बांधेगी,
अपने रिश्ते को साधेगी।
भैया देगा उसे रुपैया ,
थिरकेगा तन ता-ता थैया।
इंतजार का पल है आया,
पावन रक्षाबंधन आया।
रक्षाबंधन का यह कहना,
कभी नहीं दुख पाए बहना।
संकट का जब घन घिर आए,
भइया को वह सम्मुख पाए।
धागे में संसार समाया,
पावन रक्षाबंधन आया।
GRAMMAR | POEM | 10 LINES | MOTIVATIONAL | GK |
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