Hindi unseen passage अपठित गद्यांश - 9
'अपठित' शब्द का अभिप्राय है - जो पहले पढ़ा ना गया हो। अपठित गद्यांश पाठ्य पुस्तकों से नहीं दिए जाते हैं। ये ऐसे गद्यांश होते हैं जिन्हें छात्रों ने कभी नहीं पढ़ा होता।
अपठित गद्यांश के उत्तर देने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
* गद्यांश को कम से कम तीन-चार बार अवश्य पढ़ ले।
* प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में लिखें।
* उत्तर गद्यांश से ही होना चाहिए उसमें अपने विचार समाहित नहीं करनी चाहिए।
* उत्तर देने के बाद उन्हें अवश्य एक बार पढ़ लें।
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रातः काल प्रकृति की शोभा निराली होती है। सूर्य की सुनहरी किरणों के पड़ने से प्रत्येक वस्तु सुनहरी सी लगने लगती है। हरी-भरी घास पर ओस की बूंदें ऐसी प्रतीत होती हैं मानो सुंदर चमकीले मोती हों। पेड़ों की चोटियों को छूती हुई सूर्य की किरणें अद्भुत शोभा प्रदान करती हैं। पर्वत शिखर स्वर्णरेखा से रचित प्रतीत होते हैं, चारों ओर एक स्वर्णिम आभा, एक अलौकिक शोभा होती है। बाग-बगीचों में फूल मुस्कुराने लगते हैं। सरोवर में कमलों ने उनींदी पलकें खोल डालीं। पशु अपने बच्चों को प्यार से पुकारने लगे। पक्षियों ने कलरव गाना आरंभ कर दिया। प्रातः काल की शोभा का स्वर्णिम आनंद सभी ले रहे हैं। यह शोभा निराली है। यह विकास की किरण है। यह मन में आशा और उमंग भर रही है।
GRAMMAR | POEM | 10 LINES | MOTIVATIONAL | GK |
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