अपठित पद्यांश #3 वैकल्पिक उत्तर सहित
'अपठित' शब्द का अभिप्राय है - जो पहले पढ़ा ना गया हो। अपठित पद्यांश पाठ्य पुस्तकों से नहीं दिए जाते हैं। ये ऐसे पद्यांश होते हैं जिन्हें छात्रों ने कभी नहीं पढ़ा होता।
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पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने के लिए सुझाव
* पद्यांश को कम से कम तीन-चार बार अवश्य पढ़ ले।
* पद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़ें तथा उसकी विषय वस्तु तथा केंद्रीय भाव जानने का प्रयास करें।
* उत्तर पद्यांश पर आधारित होना चाहिए कल्पनात्मक उत्तर ना दें।
* प्रत्येक विकल्प पर विचार करके देखिए कि उनमें से किसके अर्थ की संगति संबंधित वाक्य के साथ सही बैठ रही है।
अपठित पद्यांश #3
मैं नन्हा-सा पथिक विश्व के
पथ पर चलना सीख रहा हूॅं
मैं नन्हा सा विहग विश्व के
नभ में उड़ना सीख रहा हूॅं
पहुंच सकूॅं निर्दिष्ट लक्ष्य तक
मुझको ऐसे पग दो, पर दो ।।
पाया जग से जितना अब तक
और अभी जितना मैं पाऊॅं,
मनोकामना है यह मेरी
उससे कहीं अधिक दे जाऊॅं।
धरती को ही स्वर्ग बनाने का
मुझको मंगलमय वर दो।।
GRAMMAR | POEM | 10 LINES | MOTIVATIONAL | GK |
मेरा जन्मदिन | ||||
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