NCERT Hindi Malhaar Class 8 | पाठ- 1 स्वदेश

विषय : हिंदी
कक्षा : 8
पाठ्यपुस्तक : मल्हार (NCERT)
पाठ- 1 स्वदेश

NCERT Class 8 Malhaar ( Hindi Book ) 2025 edition

 स्वदेश

वह हृदय नहीं है पत्थर है, 

जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

जो जीवित जोश जगा न सका, 

उस जीवन में कुछ सार नहीं।


जो चल न सका संसार-संग, 

उसका होता संसार नहीं।

जिसने साहस को छोड़ दिया,

वह पहुँच सकेगा पार नहीं।


जिममे न जाति-उद्धार हुआ,

होगा उसका उद्धार नहीं।

जो भरा नहीं है भावों से,

बहती उसमें रस धार नहीं।


वह हृदय नहीं है पत्थर है, 

जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।


जिसकी मिट्टी में उगे बढ़े, 

पाया जिसमें दाना-पानी।

हैं माता-पिता बंधु जिसमें, 

हम हैं जिसके राजा-रानी।।


जिसने कि खजाने खोले हैं, 

नव रत्न दिये हैं लासानी।

जिस पर ज्ञानी भी मरते हैं, 

जिस पर है दुनिया दीवानी।।


उस पर है नहीं पसीजा जो, 

क्या है वह भू का भार नहीं।

निश्चित है निस्संशय निश्चित, 

है जान एक दिन जाने को।


है काल-दीप जलता हरदम, 

जल जाना है परवानों को।

सब कुछ है अपने हाथों में,

क्या तोप नहीं तलवार नहीं।


गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'



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Milan Tomic

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