Samvad Lekhan : माँ बेटी के बीच सुनामी पीड़ितों के लिए संवाद
संवाद का सामान्य अर्थ है - बातचीत। दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच हुए वार्तालाप को संवाद कहते हैं। जब इसी बातचीत को लिखते हैं तो उसे संवाद लेखन कहते हैं।
* विराम चिह्नों का उचित प्रयोग किया जाना चाहिए।
माँ बेटी के बीच सुनामी पीड़ितों के लिए संवाद
आराध्या - माँ! माँ! सभी लोग सुनामी पीड़ितों के लिए कुछ ना कुछ दान कर रहे हैं। क्या आपने कुछ देने का निश्चय किया है?
माँ- मैं अलग से क्या दे सकती हूँ बेटी? वह तो तुम्हारे पिताजी के दफ्तर में सभी लोगों का एक दिन का वेतन इकट्ठा करके उनकी सहायता के लिए भेजा गया है। इसके अलावा और क्या करूँ?
आराध्या - क्या वाकई हम कुछ और नहीं कर सकते? माँ, आपने मेरे जन्मदिन के लिए जो पैसे अलग से संभाल कर रखे हैं, उन्हें निकाल कर दीजिए।
माँ - नहीं, नहीं। वह तो तेरे जन्मदिन की पार्टी के लिए हैं। आराध्या - माँ यह गलत बात है। वहाँ उन्हें एक-एक पैसे की, एक-एक दाने की जरूरत है और आप पार्टी के लिए पैसे बचा कर रख रही हैं। इस बार मैं नहीं मनाती अपना जन्मदिन। मेरा जन्मदिन तो हर साल आता रहेगा, लेकिन भगवान न करे ऐसा दुर्दिन दोबारा आए । मैं अपना गुल्लक तोड़कर उनके लिए पैसे स्कूल में जमा करा आई और आप जन्मदिन की पार्टी का मोह नहीं छोड़ पा रही हैं।
माँ - नहीं बेटी, ऐसी बात नहीं । तू इतनी समझदार हो गई है, मैं यह जान न पाई । खैर, यह ले पाँच हजार रुपए। तू उनके लिए जमा करा आ।आराध्या- यह हुई न बात ! उनका आशीर्वाद ही मेरे लिए पर्याप्त होगा।
संवाद लेखन #1 मुहावरों का प्रयोग करते हुए संवाद लेखन
संवाद लेखन #2 विलोम शब्दों का प्रयोग करते हुए दो मित्रों में संवाद
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संवाद लेखन #5 फोन खो जाने पर माँ और बेटे के बीच संवाद
संवाद लेखन #6 माँ और बेटे के बीच संवाद
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