कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 1 माँ, कह एक कहानी
NCERT Class 7 Malhaar ( Hindi Book ) 2025 edition
माँ, कह एक कहानी |
"माँ, कह एक कहानी।"
"बेटा, समझ लिया क्या तूने
मुझको अपनी नानी?"
"कहती है मुझसे यह चेटी,
तू मेरी नानी की बेटी !
कह माँ, कह, लेटी ही लेटी,
राजा था या रानी?
राजा था या रानी?
माँ, कह एक कहानी।"
"तू है हठी मानधन मेरे,
सुन, उपवन में बडे सबेरे
तात भ्रमण करते थे तेरे
जहाँ, सुरभि मनमानी।"
"जहाँ सुरभि मनमानी?
हाँ, माँ, यही कहानी।"
"वर्ण वर्ण के फूल खिले थे,
झलमल कर हिम-बिंदु झिले थे,
हलके झोंके हिले-मिले थे,
लहराता था पानी।"
"लहराता था पानी?
हाँ, हाँ, यही कहानी।"
"गाते थे खग कल कल स्वर से,
सहसा एक हंस ऊपर से,
गिरा, बिद्ध होकर खर-शर से,
हुई पक्ष की हानी!"
"हुई पक्ष की हानी?
करुणा-भरी कहानी!"
"चौंक उन्होंने उसे उठाया,
नया जन्म-सा उसने पाया।
इतने में आखेटक आया,
लक्ष्य-सिद्धि का मानी।"
"लक्ष्य-सिद्धि का मानी?
कोमल-कठिन कहानी।"
"माँगा उसने आहत पक्षी,
तेरे तात किंतु थे रक्षी।
तब उसने, जो था खगभक्षी-
हठ करने की ठानी।"
"हठ करने की ठानी?
अब बढ़ चली कहानी।"
"हुआ विवाद सदय-निर्दय में,
उभय आग्रही थे स्वविषय में,
गई बात तब न्यायालय में,
सुनी सभी ने जानी।"
"सुनी सभी ने जानी?
व्यापक हुई कहानी।"
"राहुल, तू निर्णय कर इसका-
न्याय पक्ष लेता है किसका?
कह दे निर्भय, जय हो जिसका।
सुन लूँ तेरी बानी।"
"माँ, मेरी क्या बानी?
मैं सुन रहा कहानी।
कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी!"
"न्याय दया का दानी?
तूने गुनी कहानी।"
- मैथिलीशरण गुप्त
कवि से परिचय
मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित कविता का यह अंश 'माँ, कह एक कहानी' उनकी काव्य-कृति यशोधरा से लिया गया है। यह माँ यशोधरा और बेटे राहुल के बीच संवाद शैली में रचा गया है। मैथिलीशरण गुप्त का जन्म चिरगाँव, झाँसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। पंद्रह-सोलह वर्ष की आयु में ही वे कविता करने लगे थे। प्रारंभ में ब्रज भाषा में और फिर हिंदी में आजीवन लेखन कार्य करते रहे। स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी रचनाओं ने लोगों में देशप्रेम की भावना जगाने का काम किया। राष्ट्रकवि के रूप में इनकी ख्याति सर्वविदित है। इनकी अधिकांश कृतियों में भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राष्ट्रीय चेतना के स्वर हैं। साकेत, भारत-भारती और यशोधरा उनकी काव्य-कृतियाँ हैं।
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