अनौपचारिक पत्र लेखन
पत्र लेखन के द्वारा हम दूर स्थित सगे-संबंधियों, कार्यालय के अधिकारियों, व्यापारियों और मित्रों के साथ मन के विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं।
पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. पत्र किसको लिखना है और उसमें क्या समाचार लिखना है।
2. जिस को पत्र लिखना है उससे संबंध और उसके पद के अनुसार शिष्टाचार पूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
3. पत्र की भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
4. पत्र का आरंभ और समाप्ति अच्छे ढंग से होनी चाहिए।
5. पता लिखते समय पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए।
6. पत्र में व्यर्थ की बातें नहीं लिखनी चाहिए और ना ही पत्र में अभिमानपूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
अपने छोटे भाई को व्यायाम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक 18 नवंबर 2022
प्रिय दिनेश
शुभाशीष
कल पूज्य पिताजी का पत्र मिला। उन्होंने लिखा है कि आजकल तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। शायद तुम स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं दे रहे।
तुम जानते हो कि अच्छा स्वास्थ्य विद्यार्थी के लिए कितना महत्वपूर्ण है। तुम यह भी जानते हो कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और मस्तिष्क का वास होता है। किसी ने ठीक ही कहा है पहला सुख निरोगी काया। यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो स्वस्थ मस्तिष्क का होना असंभव है। स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन का आनंद उठा सकते हैं।
मुझे यह भी पता चला है कि आजकल तुम देर से उठते हो तथा व्यायाम नहीं करते। शरीर को चुस्त और फुर्तीला बनाए रखने के लिए व्यायाम बहुत आवश्यक है। व्यायाम करने से शरीर में ना केवल स्फूर्ति आती है बल्कि रक्त का संचार भी सही रहता है और आलस्य दूर हो जाता है। अच्छा स्वास्थ्य होने पर पढ़ाई में खूब मन लगता है। मेरी मानो और प्रातकाल जल्दी उठकर भ्रमण और नियमित व्यायाम किया करो। आशा है तुम मेरी सलाह मानोगे तथा मुझे अपने स्वास्थ्य के विषय में सूचित भी करोगे।
तुम्हारा अग्रज
अनुराग
GRAMMAR | POEM | 10 LINES | MOTIVATIONAL | GK |
मेरा जन्मदिन | ||||
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