नंदिनी हिंदी पाठ्यपुस्तक 6
पाठ - 2 महर्षि दधीचि (प्रश्न-उत्तर)
उत्तर - महर्षि दधीचि ने अपना आश्रम नैमिषारण्य (सीतापुर, उ० प्र० ) के घने जंगलों के मध्य बनाया था।
प्रश्न 2. ब्रह्मा जी ने देवराज इंद्र को देवताओं की विजय का क्या उपाय बताया ?
उत्तर - ब्रह्मा जी ने देवराज इंद्र को देवताओं की विजय का उपाय बताया कि नैमिषारण्य वन में एक तपस्वी तप कर रहे हैं। उनका नाम दधीचि है। उन्होंने तपस्या और साधना के बल पर अपने अंदर अपार शक्ति जुटा ली है। यदि उनकी अस्थियों से बने अस्त्रों का प्रयोग युद्ध में किया जाए तो असुर निश्चित ही परास्त होंगे।
प्रश्न 3 . देवराज इंद्र द्वारा महर्षि दधीचि से उनकी अस्थियाँ माँगने पर महर्षि दधीचि की क्या प्रतिक्रिया थी ?
उत्तर - देवराज इंद्र द्वारा महर्षि दधीचि से उनकी अस्थियाँ माँगने पर महर्षि दधीचि का चेहरा कांतिमय हो गया उन्होंने सोचा 'मैं धन्य हो गया। मेरा शरीर मानव और देवताओं के कल्याण के लिए काम आएगा। ' यह सोच कर उनका रोम-रोम पुलकित हो रहा था।
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