अनौपचारिक पत्र लेखन
पत्र लेखन के द्वारा हम दूर स्थित सगे-संबंधियों, कार्यालय के अधिकारियों, व्यापारियों और मित्रों के साथ मन के विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं।
पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. पत्र किसको लिखना है और उसमें क्या समाचार लिखना है।
2. जिस को पत्र लिखना है उससे संबंध और उसके पद के अनुसार शिष्टाचार पूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
3. पत्र की भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
4. पत्र का आरंभ और समाप्ति अच्छे ढंग से होनी चाहिए।
5. पता लिखते समय पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए।
6. पत्र में व्यर्थ की बातें नहीं लिखनी चाहिए और ना ही पत्र में अभिमानपूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
सहपाठियों के साथ जयपुर भ्रमण पर जाने हेतु माता जी से अनुमति लेने के लिए पत्र लिखिए।
छात्रावास
दिल्ली
पूजनीय माता जी
सादर चरण स्पर्श
आपका पत्र मिला। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अब आपका स्वास्थ्य पहले से ठीक है।
माताजी, प्रधानाध्यापिका जी ने आज यह घोषणा की है कि वे सभी छात्रों को शैक्षिक भ्रमण हेतु ले जाएँगे। इस प्रयोजन हेतु उन्होंने जयपुर को चुना है। प्रधानाध्यापिका जी ने बताया है कि भ्रमण दल शीतकालीन अवकाश में 20 दिसंबर को प्रस्थान करेगा और 25 दिसंबर को वापस आ जाएगा।
मेरे सभी सहपाठी व विद्यालय के सभी शिक्षक इस भ्रमण यात्रा पर जा रहे हैं। मैं भी जयपुर के ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करना चाहता है। इसके लिए 5000 रुपये शुल्क देना है, जिसमें रहना खाना आदि सभी कुछ शामिल है। आशा है आप मुझे अनुमति प्रदान करेंगी और 5000 रुपये भ्रमण शुल्क के लिए एवं 1000 रुपये अतिरिक्त भिजवाने की व्यवस्था करेंगी।
पूज्य पिता जी को सादर चरण स्पर्श व अंजलि को ढेर सारा प्यार।
आपका पुत्र
दीपक
GRAMMAR | POEM | 10 LINES | MOTIVATIONAL | GK |
मेरा जन्मदिन | ||||
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