निकुंज हिंदी पाठमाला 5
पाठ - 6 अनमोल दोहे प्रश्नोत्तर
1. सही उत्तर पर सही का निशान लगाइए -
(क) संत तिरुवल्लुवर सबसे बड़ा व्यक्ति किसे मानते हैं ?
जो दान पुण्य करते हैं
जो हमेशा सच बोलते हैं ✅
जो तपस्या करते हैं
(ख) उपकार करने वाला व्यक्ति क्या नहीं चाहता है ?
नाम-यश
रुपया-पैसा
प्रत्युपकार ✅
(ग) कबीर दास जी ने कब काम करने के लिए कहा है ?
कल
अभी ✅
बाद में
(घ) कैसी वाणी बोलनी चाहिए ?
जो आपको अच्छी लगे
जो दूसरों को अच्छी लगे
जो आपको और दूसरों को शांति (शीतलता) पहुँचाए ✅
(क) संत तिरुवल्लुवर ने उपकारी की तुलना किससे की है और क्यों ?
उत्तर - संत तिरुवल्लुवर ने उपकार की तुलना बादल से की है। बादल भयंकर गर्मी सहकर सुदूर समुद्र से जल भरकर लाते हैं और उसे बरसा देते हैं जिससे मानव, पशु-पक्षी और पेड़-पौधे सभी को जल, जीवन और भोजन मिलता है। इतने महान उपकार के बदले बादल किसी से कुछ नहीं लेते, कोई प्रत्युपकार नहीं चाहते ।
(ख) मीठी वाणी बोलने से क्या लाभ होगा ?
उत्तर - मीठी वाणी बोलने से दूसरे को तो हमसे अपनापन और तसल्ली मिलेगी ही हमें स्वयं भी सुख मिलेगा।
(ग) कोई भी काम कल के लिए टालने से क्या-क्या नुकसान होंगे ?
उत्तर - काम को कल के लिए टाल देने से हमें लापरवाही की आदत पड़ जाती है।और फिर परिस्थितियाँ कैसी हों क्या पता ? वह कार्य हो भी पाएगा या नहीं ? इसलिए कार्य को तत्काल पूरा कर लेना चाहिए।
(घ) संत तिरुवल्लुवर ने दान-पुण्य, तपस्या आदि करने वालों से भी महान किसे और क्यों बताया है ?
उत्तर - संत तिरुवल्लुवर ने दान-पुण्य, तपस्या आदि करने वालों से भी महान सच बोलने वाले को बताया है क्योंकि सच बोलने से व्यक्ति स्वयं शांत और आत्मविश्वास से पूर्ण रहता है और दूसरों को भी धोखा या कष्ट नहीं होता।
(ङ) संत कबीर और संत तिरुवल्लुवर के दोहों में क्या समानता है ?
संत कबीर और संत तिरुवल्लुवर दोनों ही अपने दोहों के माध्यम से हमें दूसरों की भलाई करने, सच बोलने, मीठा बोलने, स्वयं शांत रहने तथा कर्म करते रहने की प्रेरणा देते हैं। यही दोनों के दोहों की समानता है।
नाम-यश
रुपया-पैसा
प्रत्युपकार ✅
ललकार का पंद्रह अगस्त ( क्लिक करें )
(ग) कबीर दास जी ने कब काम करने के लिए कहा है ?कल
अभी ✅
बाद में
(घ) कैसी वाणी बोलनी चाहिए ?
जो आपको अच्छी लगे
जो दूसरों को अच्छी लगे
जो आपको और दूसरों को शांति (शीतलता) पहुँचाए ✅
अनमोल दोहे (CLICK HERE)
2. प्रश्नों के उत्तर दीजिए -(क) संत तिरुवल्लुवर ने उपकारी की तुलना किससे की है और क्यों ?
उत्तर - संत तिरुवल्लुवर ने उपकार की तुलना बादल से की है। बादल भयंकर गर्मी सहकर सुदूर समुद्र से जल भरकर लाते हैं और उसे बरसा देते हैं जिससे मानव, पशु-पक्षी और पेड़-पौधे सभी को जल, जीवन और भोजन मिलता है। इतने महान उपकार के बदले बादल किसी से कुछ नहीं लेते, कोई प्रत्युपकार नहीं चाहते ।
(ख) मीठी वाणी बोलने से क्या लाभ होगा ?
उत्तर - मीठी वाणी बोलने से दूसरे को तो हमसे अपनापन और तसल्ली मिलेगी ही हमें स्वयं भी सुख मिलेगा।
(ग) कोई भी काम कल के लिए टालने से क्या-क्या नुकसान होंगे ?
उत्तर - काम को कल के लिए टाल देने से हमें लापरवाही की आदत पड़ जाती है।और फिर परिस्थितियाँ कैसी हों क्या पता ? वह कार्य हो भी पाएगा या नहीं ? इसलिए कार्य को तत्काल पूरा कर लेना चाहिए।
(घ) संत तिरुवल्लुवर ने दान-पुण्य, तपस्या आदि करने वालों से भी महान किसे और क्यों बताया है ?
उत्तर - संत तिरुवल्लुवर ने दान-पुण्य, तपस्या आदि करने वालों से भी महान सच बोलने वाले को बताया है क्योंकि सच बोलने से व्यक्ति स्वयं शांत और आत्मविश्वास से पूर्ण रहता है और दूसरों को भी धोखा या कष्ट नहीं होता।
(ङ) संत कबीर और संत तिरुवल्लुवर के दोहों में क्या समानता है ?
संत कबीर और संत तिरुवल्लुवर दोनों ही अपने दोहों के माध्यम से हमें दूसरों की भलाई करने, सच बोलने, मीठा बोलने, स्वयं शांत रहने तथा कर्म करते रहने की प्रेरणा देते हैं। यही दोनों के दोहों की समानता है।
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