निकुंज हिंदी पाठमाला 3
पाठ - 6 घमंडी कौन प्रश्नोत्तर
पाठ का सारइस पाठ में मन को छू लेने वाली कहानी के माध्यम से अहंकार ना करने की शिक्षा दी गई है। तुषार, आसिफ़ और बीनू मित्र हैं। वह साथ-साथ रहते, पढ़ते व खेलते हैं। उनकी गली में शर्मा जी का परिवार आया है। उनका बेटा राहुल अकेला ही खेलता रहता है। किसी से बोलता नहीं है। यह देखकर तुषार, आसिफ़ और बीनू उसे घमंडी मान लेते हैं और उससे दोस्ती नहीं करते। एक दिन इनकी गेंद शर्मा जी के घर में पहुँच जाती है। बीनू जाकर राहुल से गेंद माँगता है। राहुल चुपचाप गेंद ला कर दे देता है, साथ ही एक पर्चा भी देता है जिसे पढ़कर बीनू, आसिफ और तुषार तीनों को बहुत दुख होता है। पर्चे में राहुल ने लिखा है कि "मैं बोल नहीं सकता, क्या तुम लोग मुझे अपना दोस्त बना सकते हो?" तीनों को अपने घमंड पर बहुत दुख होता है। वे राहुल से क्षमा माँगते हैं और उसे अपना मित्र बना लेते हैं।
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प्रश्न 1- तीनों दोस्तों को राहुल घमंडी क्यों लगा ?
उत्तर- राहुल किसी से बोलता नहीं था। वह अकेला खेलता और पढ़ता रहता था इसलिए तीनों दोस्तों को राहुल घमंडी लगा।
प्रश्न 2- बीनू द्वारा गेंद मांगे जाने पर राहुल ने क्या किया ?
उत्तर- बीनू द्वारा गेंद मांगे जाने पर राहुल ने गेंद लाकर दे दी और साथ ही एक कागज भी बीनू को पकड़ा दिया।
प्रश्न 3- कागज पढ़ कर तीनों कुछ बोल क्यों ना सके ?
उत्तर- कागज में लिखा था कि राहुल बोल नहीं सकता। यह सच्चाई जानकर तीनों को बहुत दुख हुआ और वे कुछ बोल नहीं सके।
प्रश्न 4- तीनों मित्रों को ऐसा क्यों लगा कि घमंडी राहुल नहीं ,बल्कि वे खुद है।
उत्तर- तीनों मित्रों को पहले लगा कि राहुल घमंडी है । वह किसी से बात नहीं करता परंतु जब उन्हें पता चला कि राहुल बोल ही नहीं सकता, तो उन्हें एहसास हुआ कि घमंडी राहुल नहीं बल्कि वे तीनों ही है।
प्रश्न 5- आप उन तीनों मित्रों की जगह होते ,तो क्या करते ?
उत्तर- यदि हम उन तीनों की जगह होते ,तो पहले ही राहुल से मिलकर उसके अकेले खेलने और पढने का कारण जानते और उसके मित्र बन जाते।
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