अनुभूति पाठ्य पुस्तक कक्षा 3 पाठ - 15 पछतावा

कक्षा - 3 
विषय: हिंदी
पुस्तक का नाम: अनुभूति
पाठ संख्या: 15
पाठ का नाम - पछतावा

प्रशंसा पाने के चक्कर में झूठ बोलने से कहीं ज्यादा बेहतर है, सच बोलकर डाँट सुनना। झूठ बोलने से अगर हमें कभी तारीफ मिल भी जाए तो बाद में बहुत ग्लानि होती है। 

एक बार एक कक्षा में गणित के अध्यापक पढ़ा रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों को घर से करके लाने के लिए कुछ सवाल दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो विद्यार्थी सारे सवाल सही हल करके लाएगा, उसे वे अपना पेन पुरस्कार में देंगे।

अगले दिन सभी विद्यार्थियों में से केवल गोपाल ही सारे प्रश्न सही हल करके लाया था। अध्यापक ने गोपाल को शाबाशी दी और साथ ही अपना पेन भी दे दिया। अध्यापक आगे पढ़ाने लगे। तभी उनकी नजर गोपाल पर पड़ी। वह कुछ परेशान-सा लग रहा था। उसके चेहरे पर बेचैनी के भाव थे।

अध्यापक के बार-बार पूछने पर गोपाल झूठ का बोझ और नहीं सह सका। उसकी आँखों से अश्रुधारा बह चली। वह हाथ जोड़कर बोला, "गुरुजी मुझे क्षमा करें। यह पुरस्कार मुझे नहीं मिलना चाहिए। ये सवाल मेरे बड़े भाई ने हल किए हैं, मैंने नहीं।"

अध्यापक ने बालक को गले से लगा लिया। वे बोले, "गोपाल यह पुरस्कार सही मायने में तुम्हें ही मिलना चाहिए। सवाल हल करना उतना बड़ा काम नहीं है, जितना बड़ा काम अपनी गलती स्वीकारना है। तुम एक सच्चे और ईमानदार बालक हो।" "मैं आप सबसे भी कहना चाहता हूँ कि झूठ बोलकर हम कभी चैन से नहीं रह सकते। हमें सदा सच बोलना चाहिए। अगर कभी कोई गलती हो जाए तो उसे छिपाने की बजाय सच बोलकर माफ़ी माँग लेनी चाहिए।". अध्यापक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा।

जानते हो, यह बालक कौन था? यह बालक था 'गोपाल कृष्ण गोखले।' ये एक देशभक्त महान स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्होंने देश की बहुत सेवा की। महात्मा गांधी भी इन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। ऐसे सच्चे राष्ट्रभक्त पर हमें गर्व है।

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें