कक्षा 7 खुलते पंख हिंदी पाठमाला (पी. पी. पब्लिकेशन)
पाठ - 5 हम पंछी उन्मुक्त गगन के प्रश्न/उत्तर
मौखिक
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
क. पक्षी सोने की कटोरी की मैदा से कड़वी निबोरी को क्यों अच्छा बताते है?
उत्तर-सोने की कटोरी को मैदा से कड़वी निबोरों को अच्छा बताते हैं क्योंकि बंद पिंजरे में रहना उन्हें पसंद नहीं है। हम आजादी चाहिए ताकि स्वच्छंद इधर-उधर घूम सकूँ।
ख. 'स्वर्ण श्रृंखला से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- स्वर्ण श्रृंखला से तात्पर्य सोने से निर्मित पिंजरा से है।
ग. कविता की वे पंक्तियाँ बताइए जिनमें पक्षियों की स्वच्छंद रहने की भावना का वर्णन है?
उत्तर- ऐसे थे अरमान कि उड़ते
नील गगन की सीमा पाने,
लाल किरण-सी चोंच खोल
चुगते तारक-अनार के दाने।
घ. कविता में 'किरण' और 'तारक' शब्दों का प्रयोग किनके लिए हुआ है?
उत्तर- कविता में 'किरण' शब्द का प्रयोग चोंच के लिए तथा तारक शब्द अनार के दानों के लिए हुआ है।
लिखित
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
क. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन-सी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर- पक्षी उन्मुक्त रहकर निम्नलिखित इच्छाएँ पूरी करना चाहते है.
(i) बहती नदी का पानी पीना चाहते हैं।
(ii ) वृक्ष की फुनगी पर चढ़कर झूला झूलना चाहते हैं।
(iii) गगन में स्वतंत्र विचरण करना चाहते है।
ख. पक्षी हम मनुष्यों से क्या प्रार्थना करते हैं?
उत्तर- पक्षी हम मनुष्यों से प्रार्थना करते हैं कि मुझे आकाश में स्वच्छंद ने दो मुझे में बद कर न रखो। इससे मेरी आदी न करो और में पर इसमें जिस अच्छा है।
ग. इस कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर- इस कविता से हमें प्रेरणा मिलती है कि किसी भी जीव-प्राणियों को को रहकर खुश नहीं रह सकते। उन्हें आए इसी में व अपनी सुखी समझते हैं।
2. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
क. लाल किरण-सी चोंच खोल
चुगते तारक- अनार के दाने।
उत्तर- पक्षी का कहना है कि मेरी चोंच छोटी है, कोमल है या सुबह की किरण की भाँति लाल है इन्ही से तारा रूपी अनार के दाने चख लूंगी, मेरी खुशी इसी में है। सोने की कटोरी में रखे मीठे मैदे को खाने में वो सुख नहीं मिलता जो सुख मुझे कड़वी निवोरी खाने में मिलता है।
ख. या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर- या तो मैं उड़ते हुए जहाँ मुझे धरती और आकाश मिलते है वहाँ पहुँच जाऊँ या रास्ते में मेरी सास स्क जाए. मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी।
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