सपने में अंतरिक्ष की यात्रा (अनुच्छेद लेखन)
Sapne Mein Antriksh Ki Yatra Paragraph in Hindi
मेरे मन में यह विचार उभरते रहते थे कि मैं बड़ा होकर अंतरिक्ष यात्री बनूँगा। आकाश के उज्जवल तारों को देखकर मेरा मन भी उनका रहस्य जानने को उत्सुक रहता था। औरों की तरह मैंने भी कई सपने देखे हैं परंतु एक सपना जो मैंने दो महीने पहले देखा था वह मुझे आज भी याद है। एक दिन स्वप्न में मैंने स्वयं को आकाश में उड़ते देखा। धीरे-धीरे मुझे पृथ्वी के दृश्य दिखने बंद हो गए। कुछ देर निरंतर उड़ते हुए मैं एक ग्रह पर पहुँचा। मुझे अंतर्मन में यह आभास हुआ कि मैं पृथ्वी से दूर मंगल ग्रह के नजदीक था। मैंने ग्रह के भीतर प्रवेश किया तो वहाँ का अद्भुत दृश्य देखकर मैं अत्यंत प्रसन्न हुआ। वहाँ दिव्य प्राणी दिखाई दे रहे थे। उनके शरीर चमकीले थे। मैंने वहाँ दिव्य वृक्ष, नदियाँ और समुद्र भी देखें। वहाँ का आकाश भी नीला था जिनमें असंख्य तारे थे। अभी मैं तारे निहार ही रहा था तभी पड़ोस में रहने वाले शर्मा अंकल की कार का हॉर्न बजा और मेरी नींद खुल गई। मुझे ज्ञात हुआ कि यह तो मात्र एक स्वप्न था। खैर मैं इस सपने को हकीकत में बदलना चाहता हूँ क्योंकि मैं अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहता हूँ और उसके लिए मैं मेहनत भी कर रहा हूँ।
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