NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 Rahim Ke Dohe
पाठ -11 रहीम के दोहे
दोहे से
1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए।
उत्तर -
उदाहरण वाले दोहे
1. तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान ।
कहि रहीम परकाज हित, संपति सचहिं सुजान।।
2. थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।।
3. धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।।
कथन वाले दोहे
1. कही रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।।
2. जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।
2. रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बता कर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजने वाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर - क्वार के महीने में बादल केवल गरजते हैं, उनके बरसने की संभावना बहुत कम होती है। सावन के बादल ही ज्यादातर बरसते हैं। इसी प्रकार जो निर्धन व्यक्ति पहले अमीर थे, वे केवल अपने पुराने समय की कल्पना करके लोगों को प्रभावित ही कर सकते हैं। उनके वापस अमीर होने की संभावना कम ही होती है।
दोहों से आगे
■ नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार ले तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए ।
(क) तरुवर फल _____________ सचहिं सुजान।।
(ख) धरती की-सी ____________ यह देह।।
उत्तर - उक्त दोहे के माध्यम से कवि रहीम जी ने यह बताना चाहा है कि जिस प्रकार वृक्ष अपना फल नहीं खाते और जलाशय अपना जल नहीं पीते उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति अपने लाभ के लिए धन का संचय नहीं करते। उनका धन दूसरों की भलाई करने में खर्च होता है। यदि हम इस सच्चाई को अपने जीवन में उतार ले तो अवश्य ही समाज का कल्याण होगा और राष्ट्र सुंदर रूप से विकसित होगा।
उक्त दोहे के माध्यम से रहीम जी यह बताना चाह रहे हैं कि मनुष्य को धरती की भाँति सहनशील होना चाहिए। यदि हम ऐसे सत्य को अपने जीवन में उतारे तो आने वाले सुख-दुख को सहज रूप से सहन कर सकेंगे। अपने मार्ग से कभी विचलित नहीं होंगे। हम हर स्थिति में संतुष्ट रहेंगे। हमारे मन में संतोष की भावना जागेगी।
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