संवाद लेखन - स्वतंत्रता दिवस की तैयारी को लेकर पिता पुत्र के बीच संवाद
पिता: बेटा, कल हमारा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। क्या तुमने ध्वजारोहण समारोह के लिए कुछ तैयार किया है?
पुत्र: जी पिताजी, मैंने राष्ट्रगान गाना सीख लिया है और कुछ देशभक्ति गीत भी याद किए हैं।
पिता: बहुत अच्छा बेटा, लेकिन सिर्फ गीत गाना ही काफी नहीं है। हमें इस दिन की अहमियत भी समझनी चाहिए।
पुत्र: जी पिताजी, मुझे पता है कि इस दिन हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था।
पिता: बिल्कुल सही, बेटा। लेकिन क्या तुम जानते हो कि इस आजादी के लिए हमारे देश के वीरों ने क्या-क्या कुर्बानियाँ दीं?
पुत्र: हाँ पिताजी, मैंने इतिहास की किताब में पढ़ा है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
पिता: बेटा, हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें उनके सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
पुत्र: जी पिताजी, मैं हमेशा देश के लिए कुछ अच्छा करना चाहता हूँ।
पिता: बहुत अच्छा बेटा, तुमने सही सोचा है। हमें हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए काम करना चाहिए।
पुत्र: पिताजी, क्या हम कल साथ मिलकर तिरंगा फहरा सकते हैं?
पिता: बिल्कुल बेटा, यह हमारे लिए गर्व का क्षण होगा।
पुत्र: धन्यवाद पिताजी।
पिता: बेटा, याद रखना, स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक दिन नहीं होता, बल्कि यह हमारे दिलों में हमेशा रहता है।
पुत्र: जी पिताजी, मैं हमेशा देश के प्रति समर्पित रहूँगा।
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