NCERT Hindi Malhaar Class 6 | पाठ- 5 रहीम के दोहे

विषय : हिंदी

कक्षा : 6
पाठ्यपुस्तक : मल्हार (NCERT)
पाठ- 5 रहीम के दोहे 

NCERT Class 6 Malhaar ( Hindi Book ) 2025 edition

 

 रहीम के दोहे 

रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि। 

जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि ।।

तरुवर फल नहिं खात हैं सरवर पियहिं न पान। 

कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान ।। 

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय । 

टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय ।।

रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून। 

पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून ।। 

रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय। 

हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय ।।

रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गइ सरग पताल । 

आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल ।। 

कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। 

बिपति कसौटी जे कसे. ते ही साँचे मीत ॥

- अब्दुर्रहीम खानखाना


*संदर्भ रहीम ग्रंथावली (सं.) विद्यानिवास मिश्र


कवि से परिचय

रहीम भक्तिकाल के एक प्रसिद्ध कवि थे। ऐसा माना जाता है कि उनका जन्म 16वीं शताब्दी में हुआ था। उन्होंने नीति, भक्ति और प्रेम संबंधी रचनाएँ कीं। उन्होंने अवधी और ब्रजभाषा दोनों में कविताएँ लिखी हैं। रहीम रामायण, महाभारत आदि प्रसिद्ध ग्रंथों के अच्छे जानकार थे। उनकी मृत्यु 17वीं शताब्दी में हुई थी। आज भी आम जन-जीवन में उनके दोहे बहुत लोकप्रिय हैं।



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Milan Tomic

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