NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 3 Himalaya Ki Betiyan
पाठ - 3 हिमालय की बेटियाँ
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न अभ्यास
लेख से
1. नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?
उत्तर - नदियों को माँ स्वरूप तो माना ही गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूप में भी देखा है।
2 सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?
उत्तर - सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय से निकलने वाली प्रमुख और बड़ी नदियाँ हैं। इन दो नदियों के बीच से अन्य दो छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं। यह नदियाँ दयालु हिमालय के पिघले दिल की एक-एक बूँद इकट्ठा होकर बनी है। यह नदियाँ सुंदर व लुभावनी लगती हैं।
3 काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?
उत्तर - काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि वह युगो से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती रही हैं। यह हमें पीने को जल तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होती हैं। जिस तरह माता तमाम कष्ट सहने के बावजूद अपने पुत्रों का भला चाहती हैं उसी तरह नदियाँ भी मानव द्वारा दूषित किए जाने के बावजूद जगत का कल्याण करती हैं।
4 हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?
उत्तर - हिमालय की यात्रा में लेखक ने इसके अनुपम छटा की, इनसे निकलने वाली नदियों की अठखेलियों की, बर्फ से ढकी पहाड़ियों की सुंदरता की, पेड़-पौधों से भरी घाटियों की, देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफेदा, कैल से भरे जंगलों की प्रशंसा की है।
लेख से आगे
1. नदियों और हिमालय पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी हैं। उन कविताओं का चयन कर उनकी तुलना पाठ में निहित नदियों के वर्णन से कीजिए।
उत्तर - डॉ परशुराम शुक्ल अपनी कविता "नदी" में नदी का वर्णन सहनशील, संघर्षशील, समर्पण भावना से प्रेरित, कठिनाइयों का डटकर सामना करने वाली स्त्री के रूप में करते हैं। लेकिन नागार्जुन इस पाठ में नदी को माँ, बेटी, प्रेयसी व बहन के रूप में देखते हैं ।सोहनलाल द्विवेदी जी ने अपनी कविता "हिमालय" में हिमालय का विवरण भारत के मुकुट व सम्मान के रूप में किया है। लेखक नागार्जुन इस पाठ में हिमालय को एक पिता के रूप में देखते हैं।
2. गोपाल सिंह नेपाली की कविता हिमालय और हम रामधारी सिंह जी की कविता हिमालय तथा जयशंकर प्रसाद की कविता हिमालय के आँगन में पढ़िए और तुलना कीजिए।
उत्तर - रामधारी सिंह दिनकर की कविता "हिमालय" में उन्होंने भारत व हिमालय के गहरे संबंध का, विशाल व शक्तिशाली रूप एवं हिमालय का मूल उत्तर से दक्षिण तक फैले होने का विवरण किया है। लेखक नागार्जुन ने इस पाठ में हिमालय को पिता यानी नदियों के पिता के रूप में प्रस्तुत किया है।
3. यह लेख 1947 में लिखा गया था। तब से हिमालय से निकलने वाली नदियों में क्या क्या बदलाव आए हैं?
उत्तर - 1947 के बाद से आज तक नदियाँ उसी प्रकार हिमालय से बह रही हैं लेकिन अब हिमालय से निकलने वाली नदियाँ प्रदूषण का शिकार हो चुकी हैं। जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिक क्रांति, मानवीय तथा प्रशासकीय उपेक्षा के कारण नदी के जल की गुणवत्ता में भी भारी कमी आई है। निरंतर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जगह-जगह बाँध बनाने के कारण जल-प्रवाह में न्यूनता हो गई जो कि मानव अहितकारी है। गंगाजल की पवित्रता समाप्त हो चुकी है।
4. अपने संस्कृत शिक्षक से पूछिए कि कालिदास ने हिमालय को देवात्मा क्यों कहा है?
उत्तर - पर्वत पर देवताओं का वास माना जाता है। ऋषि मुनि यहाँ तपस्या करते हैं इसलिए कालिदास ने हिमालय को देवात्मा कहा।
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